गौरा के संग में गजानंद खड़े मोसे बोलत नाय….
पहली शिकायत मैंने ब्रह्मा जी से किनी,
ब्रह्मा से किनी ब्रह्माणी ने सुन लीनी,
वेदो का ज्ञान पढ़ोगे के नाय मुझसे बोलत नाय,
गौरा के संग में गजानंद खड़े मोसे बोलत नाय….
दुजी शिकायत मैंने विष्णु जी से किनी,
विष्णु से किनी लक्ष्मी जी ने सुन लीनी,
बैकुंठ धाम चलोगे के नाय मोसे बोलत नाय,
गौरा के संग में गजानंद खड़े मोसे बोलत नाय….
तीजी शिकायत मैंने भोले जी से किनी,
भोले से किनी गौरा जी ने सुन लीनी,
डमरू की डम डम सुनोगे के नाय मोसे बोलत नाय,
गौरा के संग में गजानंद खड़े मोसे बोलत नाय….
चौथी शिकायत मैंने रामाजी से कीनी,
राम जी कीनी सीता जी ने सुन लीनी,
अवध की सैर करोगे के नाय मोसे बोलत नाय,
गौरा के संग में गजानंद खड़े मोसे बोलत नाय….
पांचवी शिकायत मैंने कान्हा जी से किनी,
कान्हा से किनी राधा जी ने सुन लीनी,
मुरली की तान सुनोगे के नाय मोसे बोलत नाय,
गौरा के संग में गजानंद खड़े मोसे बोलत नाय….
छठवी शिकायत मैंने सन्तों से किनी,
संतो से कीनी भक्तों ने सुन लीनी,
भक्तों को ज्ञान तुम दोगे के नाय मोसे बोलत नाय,
गौरा के संग में गजानंद खड़े मोसे बोलत नाय….
Author: Unknown Claim credit