गोरी नंदन घज वदन

लम्बोदर प्रभु अंकुश धारी
मूषक वाहनी करके सवारी आये है मेरे अंगन,
गोरी नंदन घज वदन करले स्वामी दुःख हरन,

तीजा द्वारा रहे उपासे पूजे विश्व नाथ अविनाशी
शुक्ल बदर पद पावन महिमा बन के शिव चरनन की दासी
शिव को मन मंदिर में बिठा के गिरजा माँ ने ध्यान लगाके माँगा सुंदर सा ललन
गोरी नंदन घज वदन करले स्वामी दुःख हरन,

मात पिता की करके सेवा बन गए देवन देवी देवा
अपने भगत जनजन के घर में आ गए पाने मोदक मेवा
हम लाचार है भगत तुम्हारे छोटे है घर द्वार हमारे
पड़ गये तेरे चरण
गोरी नंदन घज वदन करले स्वामी दुःख हरन,

रिधि सीधी को भी लाये सोते मेरे भाग जागए
गणपति ज्ञान देवैया स्वामी आये मेरे द्वारे आये
ये बे नाम पुकार रहा था कब से बात निहार रहा था
द्वारे लागे राज नैन
गोरी नंदन घज वदन करले स्वामी दुःख हरन,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह