है गणनायक महाराज , म्हारे आँगन आवो आज
है गोरी सुत , गणराज ,म्हारे आँगन आवो आज
चारो ओर ,एक ही शोर , आओ है गणराज
शिव के दुलारे राखो ,तुम अब भक्तो की लाज
है गणनायक महाराज ….

हो ..आओ मूषक वाहन देवा , हाँ देवा
ओ गणराजा करा में थारी सेवा
रिद्धि और सिद्धि लाओ , हाँ लाओ
देवा आँगन में आकर रस बरसाओ
चारो ओर ,एक ही शोर , आओ है गणराज
शिव के दुलारे राखो , तुम अब भक्तो की लाज
है गणनायक महाराज ….

हो देवा , आनंद मंगल करजो , हाँ करजो
दुख संकट ने पल में बाबा हरजो
सुख सम्पति भरपूर दीजो , हाँ दीजो
बाबा भक्ता रे घर मे सदा ही रहजो
चारो ओर ,एक ही शोर , आओ है गणराज
शिव के दुलारे राखो ,तुम अब भक्तो की लाज
है गणनायक महाराज ….

महीना भादव का आया , हाँ आया
गणेश उत्सव का रंग घर घर में छाया
हो आये ” दिलबर ” ये गणराज , हाँ गणराज
कहे विक्रम ये भक्तो के सिरताज
चारो ओर ,एक ही शोर , आओ है गणराज
शिव के दुलारे राखो , तुमअब भक्तो की लाज
है गणनायक महाराज ….

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