हे लम्बोदर गणराजा

तू हर जर्रे जर्रे में रोशन रहता है,
तेरा सब पे, कर्म भी रहता है,
पड़ जाती है मेरी झोली छोटी,
मेरा गणेशा जब देता है।

तेरा दर तो हक़ीक़त में,
ख़ुशियों का ख़जाना है,
तेरा दर तो हकीकत में,
खुशियों का खजाना है,
हे लम्बोदर गणराजा,
तेरा जग तो निराला है।
तेरा दर तो हक़ीक़त में,
ख़ुशियों का ख़जाना है॥

किस किस से बताऊँ मैं,
क्या तेरा मेरा नाता है,
तू रहमत का दरिया है,
तू मेरा किनारा है,
तेरा दर तो हकीकत में,
खुशियों का खजाना है॥

बिगड़ी हुई तकदीरे,
तूने पल में सँवारी हैं,
गणराजा तेरी करुणा ने,
हम सबको ही पाला है,
तेरा दर तो हकीकत में,
खुशियों का खजाना है॥

मैं कैसे करूँ शुक्रिया,
इतनी मुझमें ताकत नहीं,
तूने लाज रखी तब तब,
मैंने जब जब पुकारा है,
तेरा दर तो हक़ीक़त में,
ख़ुशियों का ख़जाना है,
तेरा दर तो हकीकत में,
खुशियों का खजाना है,
हे लम्बोदर गणराजा,
तेरा जग तो निराला है।
तेरा दर तो हक़ीक़त में,
ख़ुशियों का ख़जाना है……

Author: Unknown Claim credit

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