जय देव जय देव जय गण राया ,
आया रे आया तू लौट के आया,
जय हो सीधी विनायक जय जय घनयाक मन को भाया,
आया रे आया तू लौट के आया,

लम्बे लम्बे सूंड तेरे मोटे हाथ पैर है,
तू ही विघ्न हरता तू ही ग़ज़ा देव है,
तू ही बुद्धि के विद्याता तू ही रिद्धि सीधी दाता,
मन को भाया,
आया रे आया तू लौट के आया,

माता पार्वती तेरे पिता महादेव है,
लड्डुवन का भोग लगे संत करे सेवा है,
देवा तू है शक्तिशाली सारी जग से निराली,
आया रे आया तू लौट के आया,

इक दंत तू ही देवा पान फूल चढ़े मेवा,
करे अपने भगतो की तू ही रखवाली देवा,
आँख छोटे छोटे तेरे कान तेरो है बड़ा रे,
मन को भाया,
आया रे आया तू लौट के आया,

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