लागे जी लागे जी
मेरे गणेश प्यारे लागे जी

नहाय धुलाय के मैने गणेश आले में है राखे जी
केशर चन्दन लगा तो वो बड़े प्यारे लागे जी

सुन्दर सुन्दर वस्त्र आभूषण मैने उन्हें पहनाए जी
सोने का मुकुट लगा तो वो बड़े प्यारे लागे जी

छप्पन भोग छतीसो व्यंजन मैने भोग लगाए जी
हाथों में लड्डू रखा तो वो बड़े प्यारे लागे जी

धूप दीप कपूर की आरती मैने उनकी उतारी जी
चरणों में फूल रखा तो वो बड़े प्यारे लागे जी

हाथ जोड़ के वंदन कीना माफी उनसे मांगी जी
मिला आशीर्वाद हमें तो वो बड़े प्यारे लागे जी

Author: नीलम अग्रवाल

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