नाच रहे हैं मूषक समझो

नाच रहे हैं मूषक समझो यही कहि है बाल गणेश,
अठखेली किलकारी करते मटक रहे हैं बाल गणेश,
ठुमक ठुमक चले बाल गणेश,
ठुमक ठुमक चले गणेश……

बोले पार्वती से विनायक,
मोदक खाने को मन ललचाए,
पार्वती ने दिए जो मोदक,
सब मूषक को बाट खिलाये,
फिर से माग रहे हैं मोदक,
जब कुछ भी बचा नही है शेष,
अठखेली किलकारी करते ,
मटक रहे हैं बाल गणेश,
नाच रहे हैं मूषक समझो ,
यही कहि है बाल गणेश,
ठुमक ठुमक चले गणेश,
ठुमक ठुमक चले गणेश…….

शकंरजी का त्रिशूल देखकर,
वोले इसे दे दो त्रिपुरारी,
लालट पर त्रिशूल बनाकर,
माँ ने बाल हठ की पूरी,
अद्भुत सुख पाती पार्वती,
जब बाल लीलाये करते गणेश,
अठखेली किलकारी करते मटक रहे हैं बाल गणेश,
नाच रहे हैं मूषक समझो यही कहि है बाल गणेश,
ठुमक ठुमक चले गणेश,
ठुमक ठुमक चले गणेश…….

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