पत्त राखो गौरी के लाल

पत्त राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आए ll
*शरण आए, तेरी शरण आए ll
पत्त राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आए ll

प्रथमे तुम्हें धिआऊँ, हे संग्राम विजेता l
पूजा करे तुम्हारी, हे देवन के देवा ll
*सीस झुकाऊँ, तुझे मनाऊँ ll
मैं तिलक लगाऊँ भाल,
हम तेरी शरण आए,,,
पत्त राखो गौरी के लाल,,,,,,,,,,,,,,

शँकर पिता तुम्हारे, शिव शँकर कैलाशी l
रिद्धि सिद्धि के स्वामी, लम्बोदर अविनाशी ll
*मँगल करदो, कण्ठ में भरदो ll
मेरे सुँदर सुर और ताल,
हम तेरी शरण आए,,,
पत्त राखो गौरी के लाल,,,,,,,,,,,,,,

संकट हर लो मेरे, ए दुःख हरने वाले l
झोली भर दो सबकी, झोली भरने वाले ll
*जोश तुम्हारे, आया द्वारे ll
लेकर फूलों की माल,
हम तेरी शरण आए,,,
पत्त राखो गौरी के लाल,,,,,,,,,,,,,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह