पहले गणपति पूज के पाछे करिये काज
विच सभा दे बेठेया मोरी पत रखियो महाराज
पहले गणपति पूज के पाछे करिये काज

शिव शंकर के राज दुलारे गोरा की आँखों के तारे,
बिगड़े मेरे काज सवारों राखो मोरी लाज
पहले गणपति पूज के पाछे करिये काज

जो जन तुम्हरा ध्यान लगाते
कारज अपने रास कराते,
मन वांचित फल देने वाले गोरी सूत गणराज
पहले गणपति पूज के पाछे करिये काज

मोदक भोग लगाते गणपति
मूषक वाहन सोहे गनपत,
पंकज की बिगड़ी को बना दो पूरण कीजियो काज
पहले गणपति पूज के पाछे करिये काज

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

वरुथिनी एकादशी

गुरूवार, 24 अप्रैल 2025

वरुथिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी

संग्रह