प्रथम वन्दना गणपति आपकी

ना नेम संयम ना विधि जाप की,
प्रथम वंदना गणपति आपकी।।

हाथों में तुम नाथ मोदक लिए,
दर पे तेरे जलते घी के दिये।
हमें चाहिए बस….कृपा आपकी,
प्रथम वन्दना गणपति आपकी।।
ना नेम संयम ना………

चूहे पे कितने सुघर लग रहे,
दामन गरीबों के तुम भर रहे।
दुआ चाहिए बस….प्रभु आपकी
प्रथम वन्दना गणपति आपकी।।
ना नेम संयम ना………

माथे पे चंदन लगाए हुये,
लम्बी सूँड़ अपनी बढ़ाये हुए।
राजेन्द्र पर हो…..नज़र आपकी,
प्रथम वंदना गणपति आपकी।
ना नेम संयम ना विधि जाप की,
प्रथम वंदना गणपति आपकी।।

Author: राजेन्द्र प्रसाद सोनी

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