( प्रथमे निमंत्रण आपको,
मेरे अड़े सवारों काज।
विच सभा दे बैठ्या,
तुम रखिओ मेरी लाज।
सिर सोने दा मुकुट है,
मुषक ते सवार।
जय हो गणपती, जय हो गणपती,
तेरी जय जैकार।। )

गणपती श्री गणेश दी, बोलो जय जैकार।।
वार वार तेरे चरणा तो,
जावां मैं बलिहार,
गणपती श्री गणेश दी, बोलो जय जैकार।।

प्रथमे जो कोई तैनू ध्यावे,
सुख स्मृति घर विच आवे।।
आपने सुत्ते भाग जगावे।।
हो जाये बेड़ा पार,
गणपती श्री गणेश दी, बोलो जय जैकार।।

मात गौरा दा तू ए लाला,
पिता भोला शिव डमरू वाला।।
रिद्धि सिद्धि दा रखवाला।।
सब दा करे उद्धार,
गणपती श्री गणेश दी, बोलो जय जैकार।।

गजानंद सदा जय हो तेरी,
करो चौहान दी मनसा पूरी।।
रख लो मेरा मान सभा विच।।
दे चरणा दा प्यार,
गणपती श्री गणेश दी, बोलो जय जैकार।।

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