सुना है जो शरण में हैं आते,
उनके सभी कष्ट मिटाते हो,
बनके खिवैया हे शिव नंदन,
नैया उनकी तुम ही तो पार लगाते हो,
जय जय गौरी नंदन गणेश….
प्रथम तुम्हे वंदन शिव नंदन अति विशेष,
नैया राजीव की भी पार लगा दो,
हे गणनायक थाम लो मेरी पतवार,
प्रभु जी मेरे भी कष्ट मिटा दो,
यही विनती मेरी बारंबार,
जय जय गौरी नंदन गणेश…..
प्रथम तुम्हे वंदन शिव नंदन अति विशेष,
होते रहते हैं नित नित मुझसे,
भगवन पाप बड़े अपराध,
आन पड़ा हूं चरणों में करो क्षमा सब,
यही विनती मेरी फ़रियाद,
जय जय गौरी नंदन गणेश…..
प्रथम तुम्हे वंदन शिव नंदन अति विशेष,
भक्ति तप और करना ध्यान,
प्रथम देव मुझे नहीं आता है,
पर श्रद्धा से लेता हूं नाम तुम्हारा,
मेरे मालिक मुझको बस यही भाता है,
जय जय गौरी नंदन गणेश,
प्रथम तुम्हे वंदन शिव नंदन अति विशेष…..
Author: राजीव त्यागी