तनक सो चूहा पे बैठे गणेश सब भगतन के काटे कलेश,
सब देवो से पेहले पूजा
गणपति जैसे कोई न दूजा

माता है गोरा पिता है महेश
सब भगतन के काटे कलेश

निर्धन को प्रभु देते है माया
कोडी की करदी सुंदर काया
काज करे ये सारे विषेश
सब भगतन के काटे कलेश

जन जन की प्रभु करते सेवा
गणपति उनको देते है मेवा
विधन हरे दुःख रहे न शेष,
सब भगतन के काटे कलेश

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