सुर नर मुनि जन तुम्हे मनाये,
अजब तुम्हारा खेल,
आज सभा में आन बिराजो,
काटो सकल कलेश,
तेरी जय जय जय हो,
गौरी पुत्र गणेश।।

एक दंत दयावंत हो स्वामी,
रिद्धि सिद्धि के दाता,
तेरी शरण में आने वाला,
सुख समृद्धि पाता,
तुझको शीश आके,
नारद शारद शेष,
तेरी जय जय जय हो,
गौरी पुत्र गणेश।।

बल बुद्धि विद्या के दाता,
शिव के राज दुलारे,
बिगड़े काज स्वारो आके,
गन नायक मतवारे,
मूषक की करके सवारी,
सभा में करो प्रवेश,
तेरी जय जय जय हो,
गौरी पुत्र गणेश।।

शीश में सोहे मुकुट निराला,
लम्बोदर अविनाशी,
विघ्न विनाशक विघ्न हरो सब,
करदो दूर उदासी,
केवल प्रथम तुम्हे मनाये,
रक्षा करो हमेश,
तेरी जय जय जय हो,
गौरी पुत्र गणेश।।

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

माघ पूर्णिमा

बुधवार, 12 फरवरी 2025

माघ पूर्णिमा
विजया एकादशी

सोमवार, 24 फरवरी 2025

विजया एकादशी
महा शिवरात्रि

बुधवार, 26 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि
आमलकी एकादशी

सोमवार, 10 मार्च 2025

आमलकी एकादशी
होलिका दहन

गुरूवार, 13 मार्च 2025

होलिका दहन
होली

शुक्रवार, 14 मार्च 2025

होली

संग्रह