तेरी आरती मैं गाऊ शीशक जुको निभाऊ मेरे गणपति,
तू ही सुख का है आधार हे मेरे गणपति,
तेरे गुण गाऊ बलिहारी तुझपे जाऊ मेरे गणपति,
करे सब का बेडा पार हे मेरे गणपति,

मन से तुझे जिसने उमा सूत ध्याया है
जग में उस ने सब सुख पाया है
शरण में जो भी आया,
मंगल है बरसाया मेरे गणपति,
तू ही सुख का है आधार हे मेरे गणपति,
करे सब का बेडा पार हे मेरे गणपति,

सुख करता तुम ने सब का ध्याम रखा है,
भगत जनों का अपने अपने मान रखा हिया
गुण जो तुम्हारे गाये भव तरता जाए मेरे गणपति,
तू ही सुख का है आधार हे मेरे गणपति,
करे सब का बेडा पार हे मेरे गणपति,

जिस पे तुम अपनी किरपा कर देते हो
उसके सभी काज पल में सिद्ध करते हो,
तेरी शरण जो आये सब सुख पाए मेरे गणपति,
तू ही सुख का है आधार हे मेरे गणपति,
करे सब का बेडा पार हे मेरे गणपति,

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