तुम जो कृपा करो तो मिट जाए विपदा सारी,
ओ गुरीसुत गणराजा गण नायक गजमुख धारी,
तुम हो दया के सागर, क्या बात है तुम्हारी,
ओ गौरिसुत गणराजा गण नायक गजमुख धारी, तुम जो कृपा करो तो….

तुम पहले पूजे जाते, फिर काम बनते जाते,
आए शरण तिहारी, मन चाहा फल हैं पाते,
मुझको गले लगा ले आया शरण तिहारी, ओ गौरिसुत गणराजा …

विघ्नो को हरने वाले, सुख शान्ति देने वाले,
मोह पाश काट ते हो तुम भक्ति देने वाले,
तुमने रचाई सृष्टि, तुम ही हो सहारा, ओ गौरिसुत गणराजा ….

लम्बे उदर से तुमने संसार है छिपाया,
सतगुण से है भरी हुई बनराज तेरी काया
दुर्गुण पे सतगुणो सी ये मूस की सवारी,
ओ गौरिसुत गणराजा गण नायक गजमुख धारी, तुम जो कृपा करो तो…

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