आज दिन चड़ेया है फिर रात भी औना

आज दिन चड़ेया है फिर रात भी औना

आज दिन चड़ेया है फिर रात भी औना,
असी दिल लाया है गुरु जी सब चंगा करना,
जो भी करदे सब चंगा करदे,
इस गल नु बन्देया तू क्यों नही मंदा,
आज दिन चड़ेया है फिर रात भी औना,

जदों दी दुनिया बनाई तू सा रीत चलाई,
साहणु दुखा सुखा दी तस्वीर दिखाई,
आज जो शेह साड़ी कल होर किसे दी,
आसा जो भी मंगना सब तेतो मंगना,
तेथो मंगन दे ली असा जरा नही संगना,
आज दिन चड़ेया है फिर रात भी औना,

जिहनियाँ लम्बियां राता फिर दिन भी औना,
असा दुखा सुखा तो छुटकारे पौना,
जदों असा जानेया तेनु रब मानेया,
ताहियो ता मन विच विश्वाश जगाया,
आज धुप आई है कल मेह भी पैना,
आज दिन चड़ेया है फिर रात भी औना,

सह लेन जो कंडे सतगुरु मरहम लगौंदे,
पठी विच पाके सोने दा रंग चडानदे,
जे सुख देवो ता फे सुख भी देना,
असा दर तेरा मलेया गुरु जी मुख मोड़ न लेना,
मैं वाजा मारा हूँ आके ता वेखो,
आपनी बची नु गल लाके ता वेखो,
आज दिन चड़ेया है फिर रात भी औना,

Author: Unknown Claim credit

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