ऐसा लगन लिखाया गुरुजी मारा

ऐसा लगन लिखाया गुरुजी मारा

ऐसा ऐसा लगन लिखाया गुरुजी मारा,
ऐसा ऐसा लगन लिखाया रे,
जनम जनम से कुवारी मारी सुरता,
अबके ब्याह रचाया रे……

अरे हरी नाम की हल्दी लगाई,
चित का चन्दन लगाया है,
दया धरम की मेहंदी लगाई,
लाल लाल रंग आया है,
ऐसा ऐसा लगन लिखाया गुरुजी मारा,
अबके ब्याह रचाया रे……

आला लीला बाँस कटाया,
मोतिया सु मण्डप सजाया हे,
अरे पांच पच्चीसा सहेल्यां मिल कर,
मंगला गितड़ा गाया है,
ऐसा ऐसा लगन लिखाया गुरुजी मारा,
अबके ब्याह रचाया रे……

अरे धूम धड़ाका सु चली रे बराता,
आछा बेण्ड बजाया हे,
आगे आगे बेंड बजत हे,
बारातियो को नचाया हे,
ऐसा ऐसा लगन लिखाया गुरुजी मारा,
अबके ब्याह रचाया रे……

अरे सूरत नुरत दोई फेरा फरिया,
कन्या दान कराया है,
अरे सतगुरु शरण रबी दास बोल्या,
बींद परण ने आया है,
ऐसा ऐसा लगन लिखाया गुरुजी मारा,
अबके ब्याह रचाया रे……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह