अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया

अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया,
हथ जोड़ तेरे अगे अरजा करदे रही साडे अंग संग
अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया,

सोनेया तू सुते होए लेखा नु ज्गाउना ऐ
फरसा ते डिगिया नु अर्श बिठोना ऐ,
जीन दा सिखा दे मेनू ढंग कांशी वालेया
अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया,

चाड ऐसा रंग सारी जिन्गदी जो लवे न
दुनिया दे रंगा विच रंग फीका पवे न
जिह्दा जिह्दा मीरा नाल संग कांशी वालेया
अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया,

करदे मेहर रवा गुण तेरा गाउंदा जी
रेह्पे वाला रोशन ता तेनु ही ध्याओंदा जी
उचे तेरे नाम दी तरंग कांची वालेया
अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह