अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया,
हथ जोड़ तेरे अगे अरजा करदे रही साडे अंग संग
अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया,

सोनेया तू सुते होए लेखा नु ज्गाउना ऐ
फरसा ते डिगिया नु अर्श बिठोना ऐ,
जीन दा सिखा दे मेनू ढंग कांशी वालेया
अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया,

चाड ऐसा रंग सारी जिन्गदी जो लवे न
दुनिया दे रंगा विच रंग फीका पवे न
जिह्दा जिह्दा मीरा नाल संग कांशी वालेया
अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया,

करदे मेहर रवा गुण तेरा गाउंदा जी
रेह्पे वाला रोशन ता तेनु ही ध्याओंदा जी
उचे तेरे नाम दी तरंग कांची वालेया
अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया,

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