तारन में चंद्रु आ,
गुल में गुलाब आ,
हीरन में कोहिनूर,
अखडि्न जो आब आ,
दिलबर प्यारो प्यारो असांजो,
बाबा भगतराम…..

यारन जो यार आ,
सब जो हो प्यार आ,
सारी संगत जो,
सुहिणो सिंगारु आ,
दिलबर प्यारो प्यारो असांजो,
बाबा भगतराम…..

सेवक सतगुरु जो नातो,
युगन युगन ख़ां हलंदो आ,
माता पिता जी गोद में जींय,
बालक सुख सां पलंदो आ,
सेवक जी पहचान आ,
सतगुरु मानु ऐं शान आ,
नूरी नजुरीन ख़ां निहारे,
निगह कंदो निगहबान आ,
भाग जगाए थो प्रभु मिलाएं थो,
भव सागर ख़ां पार लगाए थो,
दिलबर प्यारो प्यारो असांजो,
बाबा भगतराम…..

सच जी राह डि्खारे करे,
सत्संग सां जहिं जोड़यो आ,
नाम हरीय जो जपाए करे,
मोह माया ख़ां मोड़यो आ,
आनंदु अहिडो़ जो मिल़्यो,
स्वर्ग में भी ना मिलंदो आ,
प्रभु किरपा जहिंते करें,
अहडो़ सतगुरु मिलंदो आ,
गीता जो ज्ञानु आ,
वैकुंठ धामु आ,
जहिंजे हिरदे में,
श्री भगवानु आ,
दिलबर प्यारो,
यारन जो यार,
दिलबर प्यारो प्यारो,
असांजो बाबा भगतराम…..

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