चलो चलें मन गुरु की शरण में

चलो चलें मन गुरु की शरण में

चलो चलें मन गुरु की शरण में
बिगड़ी बनेगी तेरी गुरु के चरण में

गुरु की महिमा बहुत बड़ी है गुरु ही मार्ग दिखाते हैं
सूना दीपक जीवन होता गुरु ही उसे जलाते हैं
अन्धकार है बिना गुरु के ज्योति जगे नहीं मन में
चलो चलें मन ……………

गुरु की कृपा से जीवन बगिया फूलों सी खिल जाती है
सारे जगत को जिसकी सुगंध मैहर मेहर महकाती है
पावन पावन जीवन होता पावनता हो मन में
चलो चलें मन ……………

ॐ गुरु ये पावन मंत्र है श्रद्धा से भज ले प्राणी
दया करेंगे गुरुवार हमारे मिटेगी आनी जानी
जिसके ह्रदय में विश्वतप गुरु खुशियां हो जीवन में
चलो चलें मन ……………

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह