दाता दर्श को तेरे मेरी अखियां तरसती है

दाता दर्श को तेरे मेरी अखियां तरसती है,
गम आंसुओं की धारा प्रकाश बरसती है….

सागर में आ रहे है तूफ़ान तो हजारो,
हे देव पार करना मेरी छोटी सी कश्ती है,
दाता दर्श को तेरे मेरी अखियां तरसती है….

तेरे दायरे में हम तो रहने दे मेरे बाबा,
तेरे दायरे के बाहर इक आग बरसती है,
दाता दर्श को तेरे मेरी अखियां तरसती है….

आना जरूर आना करके कोई बहाना,
तेरे चाहने वालो की कितनी बड़ी बस्ती है,
दाता दर्श को तेरे मेरी अखियां तरसती है….

दास तो इतना जाने जो है तेरा दीवाना,
सब के घरो में ज्योत तेरे नाम की जगती है,
दाता दर्श को तेरे मेरी अखियां तरसती है….

Author: Unknown Claim credit

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