दाता जी का हमने आज दर्शन पाना है,
तन मन को कर अर्पण मस्तक को झुकाना है….
दाता के मंदिर का एक अजब नजारा है,
चर्चा हो जमाने में कुछ ऐसा सजाना है,
बाबा के मंदिर को सोने का बनाना है,
दाता जी का हमने आज दर्शन पाना है….
जो पास हमारे है दाता का दिया तो है,
उसे अर्पण करने मे केसा शरमाना है,
दाता जी का हमने आज दर्शन पाना है….
हम दास ये कहते हैं, चरणों में रहते हैं,
तन मन को कर अर्पण मस्तक को झुकाना है,
दाता जी का हमने आज दर्शन पाना है….
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