दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार सतगुरु,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार……

सुख में प्रभुवर तेरी याद ना आयी,
दुःख में प्रभुवर तुमसे प्रीत लगाई,
सारा दोष हैं मेरा, मैं करता हूं स्वीकार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार सतगुरु…..

मेरा तो क्या हैं, मैं तो पहले से हारा,
तुमसे ही पूछेगा ये संसार सारा,
डूब गई क्यों नैय्या, तेरे रहते खेवनहार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार सतगुरु…..

सबकुछ लुटा है, बस लाज बची हैं,
तुमपे ही बाबा मेरी आस बंधी हैं,
सुना हैं तुम सुनते हो, हम जैसो की पुकार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार सतगुरु…..

जिसको बताया मैंने अपना फ़साना,
सबने बताया मुझे, तेरा ठिकाना,
सब कुछ छोड़ के आया मैं तेरे द्वार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार सतगुरु…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह