तर्ज – पंछी रे उड़ चल अपने देश
ऐ री मेरे सतगुरु कृपा निधान,
सतगुरु कृपा निधान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान…..
मोह माया के फंद छुडावे,
मोह माया के फंद छुडावे,
हरि मिलन की लगन लगावे,
हरि मिलन की लगन लगावे,
करे हर विपदा निदान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान…….
श्री गुरु ही सतमार्ग दिखावे,
श्री गुरु ही सतमार्ग दिखावे,
भजन साधन की रीत सिखावे,
भजन साधन की रीत सिखावे,
श्री गुरु मेरे भगवान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान………
श्री गुरु चरणों में जिसका ठिकाना,
श्री गुरु चरणों में जिसका ठिकाना,
उस पे लुटाया किरपा का खजाना,
उस पे लुटाया किरपा का खजाना,
हर पल रखते ध्यान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान……..
प्रभु नाम का अमृत पिला के,
प्रभु नाम का अमृत पिला के,
चित्र विचित्र को अपना बना के,
चित्र विचित्र को अपना बना के,
पागल किया कल्याण,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान……….
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