फरयाद मेरी सुन के गुरु देव चले आना
करू विनती यही गुरु जी चरनो में जगह देना
फरयाद मेरी सुन के गुरु देव चले आना

इक तू ही तो है अपना जग सारा दीवाना है,
दर्दे दिल हे गुरवर बस तुम को सुनाना है,
अन्ध्यारा है मन मेरा इक ज्योत जला देना
फरयाद मेरी सुन के गुरु देव चले आना

अरदास मेरी सुन के थोड़ी सी रहम करना,
मेरा खाली पड़ा दामन भगती से इसे भरना
अपने दर के भिखारी को यु अन ठुकरा देना
फरयाद मेरी सुन के गुरु देव चले आना

केहते है सभी जग में नही तुम सा कोई दानी,
तूने त्याग दिया था जो नही उसका कोई सानी
हम बालक तेरे नदान जरा हम पे कर्म करना
फरयाद मेरी सुन के गुरु देव चले आना

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