गुरु चरणों में लाग तेरी जागे सोये भाग सुन मन मेरे,

सुन संतो की वाणी जग झूठी है कहानी लोभ मोह है मिथियाँ,
छोड़ आस बेगानी मतलब के है प्राणी कोई नहीं है तेरा
कर गुरु से ही प्यार झूठा वो संसार मेरे मन कज दे
गुरु चरणों में लाग तेरी जागे सोये भाग सुन मन मेरे,

सुख चाहे तू अगर छोड़ जग की डगर दिल नाम में लगा,
जिसे समजे तू ये घर ये है चोरु का न घर मत आप को ठगा,
वैरा पांच जो बड़े रहो इन से परे,
जरा चल बच के ,
गुरु चरणों में लाग तेरी जागे सोये भाग सुन मन मेरे,

सदा रहा संग साथ है अनाथो का वो नाथ भाहदास की कहे,
गुरु मुख सुखियाँ मन मुख दुखियाँ सुन मन मेरे,
गुरु चरणों में लाग तेरी जागे सोये भाग सुन मन मेरे,

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