गुरु जी बुलावे अपना देश मे

गुरु जी बुलावे अपना देश मे

चालो मारा भाईड़ा, देश परायो छोड़ो रे,
गुरु जी बुलावे अपना देश मे,

इस देश का लोग लड़ाकू ,दया धर्म है थोड़ो रे,
काल तो आवेला किसी वेष में,

डाकू आया शहर में ,रेण दिवस करे दोड़ो रे,
दुनिया तो बंध गई पांचों कोस में,

आशा तृष्णा बढ़ती जावे ,भजन करो दिन थोड़ो रे,
जीवन तो बित्यों पंच क्लेश में,

काम क्रोध उबा मोर ज्यूँ ,संग पाप को घोड़ो रे,
ध्यान धीरज तो राखो साथ मे,

गोकुल स्वामी अन्तर्यामी, संग लादूदास को जोड़ो रे।

भजन गायक – चम्पा लाल प्रजापति मालासेरी डूँगरी

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह