गुरुजी के चरणों में रहना भाई चेला थारे

गुरुजी के चरणों में रहना भाई चेला थारे,
दुणी दुणी वस्तु मिले रे हे रे जी
गुरुजी के चरणों में घुल जा रे बन्दे थारे,
नित नयी वस्तु मिले रे हे रे जी ,

म्हारा साधु भाई शून्य में सुमरणा सूरत से मिले रे
सब घट नाम साधो एक हे रे जी ,

दई रणुकार थारी नाभि से उठता दई दई डंको चढ़े रे,
नाभि पंथ साधो घणो रे दुहेलो सब रंग पकड़ फिरे रे,

नाभिपंथ साधो उल्टा घुमाले तो मेरुदंड खुले रे,
मेरुदंड साधो पिछम का मारग सीधी बाट धरो रे,
मेरुदंड साधो चमके रे माणक बुद्धि पार चढ़ो रे
सब घट नाम साधो एक हे रे जी,

बिना डंका से वां झालर बाजे बाजे,
झिणी झिणी आवाज़ सुनो रे,
घड़ियाल शंख बाँसुरी वीणा अनहद नाद घुरे रे,
सब घट नाम साधो एक हे रे जी,

दिन नहीं रैण दिवस नहीं रजनी नहीं वहाँ सूरज तपे रे,
गाजे न घोरे बिजली न चमके अमृत बूंद झरे रे,

बिन बस्ती का देश अजब है नहीं वहाँ काल फरे रे,
कहें कबीर सुनो भाई साधो शीतल अंग करो रे,
सब घट नाम साधो एक हे रे जी,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह