चारे पासे खुशिया छाईया गुरु पूर्व दिया सब नु वधाईया
आओ सारे रल मिल गाइये आया नानक खुशियाँ छाईया
होया दूर हनेरा अजब ही चानन छाया ऐ,
गुरु का परव मनालो जन्म दिहाड़ा आया ऐ,

मेहता कालू दे वेहड़े विच नूर समाया ऐ
भागा वाली ओह धरती जिथे पैर ओह पाया एह,
माँ त्रिपता दी गोदी विच अवतारी आया ऐ,
गुरु का परव मनालो जन्म दिहाड़ा आया ऐ,

छोटी उमरे बिरदी लाके ध्यान मालक दा करदे
धरती जिसने शीश ते चकी आके छावा करदे
बाल रूप विच सारे जग नु तारण आया ऐ,
गुरु का परव मनालो जन्म दिहाड़ा आया ऐ,

बेहन नानकी चुक वीर नु गोदी विच ख्डावे,
मुखड़ा उसदा चमका मारे समज न कुझ भी पावे,
सुरिंदर करीर कोमल चरनी शीश झुकाया ऐ
गुरु का परव मनालो जन्म दिहाड़ा आया ऐ,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

पापमोचनी एकादशी

मंगलवार, 25 मार्च 2025

पापमोचनी एकादशी
चैत्र नवरात्रि

रविवार, 30 मार्च 2025

चैत्र नवरात्रि
गुड़ी पड़वा

रविवार, 30 मार्च 2025

गुड़ी पड़वा
उगादी

रविवार, 30 मार्च 2025

उगादी
चेटी चंड

सोमवार, 31 मार्च 2025

चेटी चंड
राम नवमी

रविवार, 06 अप्रैल 2025

राम नवमी

संग्रह