गुरूजी की कुटिया को मैंने फूलो से सजाया है

गुरूजी की कुटिया को मैंने फूलो से सजाया है,
मेरे घर आओ गुरूदेव मैंने आप को बुलाया है….

गुरु मेरे ब्रम्हा है गुरु मेरे विष्णु है,
गुरु मेरे शिव भोले जिसने जगत रचाया है,
गुरूजी की कुटिया को मैंने फूलो से सजाया है…..

गुरु मेरी गंगा है गुरु मेरी जमुना है,
गुरु मेरी त्रिवेणी जिसने जगत नवाया है,
गुरूजी की कुटिया को मैंने फूलो से सजाया है….

गुरु मेरे चंदा है गुरु मेंरे तारा है,
गुरु मेरे सूरज किरन जिससे जगत उजियारा है,
गुरूजी की कुटिया को मैंने फूलो से सजाया है…..

गुरु मेरे माता पिता गुरु मेरे बंधू सखा,
गुरु मेरे सतगुरु है जिसने ज्ञान बताया है,
गुरूजी की कुटिया को मैंने फूलो से सजाया है,
मेरे घर आओ गुरूदेव मैंने आप को बुलाया है…..

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