हो मेरे गुरु जी पालनहार

हो मेरे गुरु जी पालनहार तेरा सजेया रवे दरबार,
मैं मंगदी रवा दिन रात तू वंडदा रवे हर वार
हो मेरे गुरु जी पालनहार तेरा सजेया रवे दरबार,

कोई खाली नही जाता है जो दर तेरे ते मंगदा ऐ,
तेरे दर दी बगियाँ दा भी हर इक गुलशन खिल्दा ऐ,
तेरे मंदिर दा परशाद मैं भर भर खावा हाथ
हो मेरे गुरु जी पालनहार तेरा सजेया रवे दरबार,

सत संग विच तुसी बुला के कर्मा नु तुसी घ्ताउंदे ओ
दुःख रोग दलीदर नु भी तुसी साथो दूर न सोहंदे ओ
शिव शम्भू दा अवतार करे सब दा बेडा पार
हो मेरे गुरु जी पालनहार तेरा सजेया रवे दरबार,

रोगा नु दूर हटा के साडे मन नु शुद्ध बनाया ऐ,
सबना नु इको समजो साहणु इको पाठ पड़ाया ऐ,
शुकराना करे संसार एहियो रहमत दा दरबार
हो मेरे गुरु जी पालनहार तेरा सजेया रवे दरबार,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह