हो मेरे गुरु जी पालनहार तेरा सजेया रवे दरबार,
मैं मंगदी रवा दिन रात तू वंडदा रवे हर वार
हो मेरे गुरु जी पालनहार तेरा सजेया रवे दरबार,

कोई खाली नही जाता है जो दर तेरे ते मंगदा ऐ,
तेरे दर दी बगियाँ दा भी हर इक गुलशन खिल्दा ऐ,
तेरे मंदिर दा परशाद मैं भर भर खावा हाथ
हो मेरे गुरु जी पालनहार तेरा सजेया रवे दरबार,

सत संग विच तुसी बुला के कर्मा नु तुसी घ्ताउंदे ओ
दुःख रोग दलीदर नु भी तुसी साथो दूर न सोहंदे ओ
शिव शम्भू दा अवतार करे सब दा बेडा पार
हो मेरे गुरु जी पालनहार तेरा सजेया रवे दरबार,

रोगा नु दूर हटा के साडे मन नु शुद्ध बनाया ऐ,
सबना नु इको समजो साहणु इको पाठ पड़ाया ऐ,
शुकराना करे संसार एहियो रहमत दा दरबार
हो मेरे गुरु जी पालनहार तेरा सजेया रवे दरबार,

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