जद म्हारा सतगुरु रीझे रै मायला

जद म्हारा सतगुरु रीझे रै मायला

जद म्हारा सतगुरु रीझे रै मायला, जद म्हारा सतगुरु रीझे
जद म्हारा सतगुरु रीझे रै मायला, जद म्हारा सतगुरु रीझे

तन कर बकरा, मन कर सिकरा, ज्ञान खडग कर लीजे
जहरीली खाल नै गैर परै री, नानो चूनर भीजे मायला
जद म्हारा सतगुरु रीझे…

निर्गुण चुला सुगण देवी, ज्ञान फूंक दे दीजे
कुबद काचरी लालच धनियो, ममता री मिरच बटीजे मायला
जद म्हारा सतगुरु रीझे…

छाण छुण चूल्हे पर टेयी, खदबद खदबद सीजे
जद म्हारो मायलो उफणबानै लाग्यो , जतना री ढकणी दीजे मायला
जद म्हारा सतगुरु रीझे…

चनणा री चौकी जुगत बैठ बो, प्रेम थाल पुरसिजे
कहत कबीर सुणो भाई साधो, भर भर प्याला पीजे मायला
जद म्हारा सतगुरु रीझे…

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह