जय सतगुरु देवा, स्वामी जय सतगुरु देवा,
लागी लगन मोह भारी, बक्सो चरण सेवा,
गुरु ब्रम्हा गुरु विष्णु ,गुरु शंकर देवा,
चार खूँट चौदह भवन में ,करूं आपकी सेवा
श्री कृष्ण रची, पढ़ी भागवत गीता
कर श्रवण अर्जुन राजी ,गुरु बीना नर रीता
नारद मुनि की कथा में सुनी ,बैकुंठा वासी
कालू कीर सतगुरु मिलिया ,काटी जम फासी
सतगुरु दीन दयाला ,सदा पर उपकारा
आना जाना दोय मिटावे, कर दे भव पारा
रामचन्द्र स्वामी अंतर्यामी, गोकुल स्वामी दाता
कर जोड़ दास लादु गावे ,आप पिता माता
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