कट प्रीता नाल चरखा सिमरन दा

कट प्रीता नाल चरखा सिमरन दा

कट प्रीता नाल चरखा सिमरन दा,

बड़े ही बागा नाल है मिलियाँ हीरे मोतियां नाल है जडेया,
छड़ी जवानी सिर ते तेरे ना तंद सिमरन दा तू फड़ेया,
सूती पई तू गेहरी नींदे सिर ते सूरज चड़ेया, चरखा सिमरन दा,
कट प्रीता नाल चरखा सिमरन दा,

विच सहेलियां तेरिया ने ता कत कत ढेर लगाया,
कत कत के सिमरन ने तंद नु ध्यान दी अति बनया,
सूती दी तू सूती रहियो सूती नु दिन चढ़ आया,चरखा सिमरन दा,
कट प्रीता नाल चरखा सिमरन दा,

वडी दिति सतगुरु ताहि नाम दा चीर बनाया
रह गई तू सूती सी सूती नहीं लैके कुछ पाया ,
की मुख लेके जावे गी जद लारा मौत दा आया, चरखा सिमरन दा,
कट प्रीता नाल चरखा सिमरन दा,

तड़के सार तू उठ के भेने सिमरन दी माला बना ले,
गुरा दा नाम ले के तू अपने दुखड़े सारे मुका ले,
अंत वेले एहो कम आउने बकी सब लूट जाना,, चरखा सिमरन दा,
कट प्रीता नाल चरखा सिमरन दा,

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