कोई शिष्य गुरु चरणों में जब शिष्य झुकता है

कोई शिष्य गुरु चरणों में जब शिष्य झुकता है

कोई शिष्य गुरु चरणों में जब शिष्य झुकता है,
परमात्मा खुद आकर आशीष लुटाता है।

गुरु चरणों में पूजन का कोई थाल सजाता है,
परमात्मा खुद आकर तब दीप जलाता है।

कोई भाव भरे शब्दों से जब गुरु को रिझाता है,
परमात्मा खुद आकर उसे गले लगाता है।

कोई बालक बन चरणों में जब बिनती सुनाता है,
परमात्मा खुद आकर गोदी में बिठाता है।

गुरु चरणों में अश्कों के कोई मोती लुटाता है,
परमात्मा खुद आकर पलकों पे बिठाता है।

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन

संग्रह