कुछ भी नहीं के हम कुछ भी नहीं

कुछ भी नहीं के हम कुछ भी नहीं

हम सबपे तेरा एहसान है तेरी मीठी सी रूहानी मुस्कान है,
मेरी रूह का तू सकूँ है तू है तो हम है सतगुरु बिन तेरे हम कुछ भी नहीं,
कुछ भी नहीं के हम कुछ भी नहीं,
ये हम को है यकीन के हम कुछ भी नहीं,

तू ही इबादत मेरी तू ही मेरा खुदा आँखों की मसरत तू ही रूह सदा,
तेरे बिन जिंगदी बेजान है तू सब के लिए वरदान है हम सब पर तेरा एहसान है,
तू ही रेहमुना तू ही राहबर तेरी इक नजर है मुक़्तजार,
तू है तो हम है सतगुरु बिन तेरे हम कुछ भी नहीं
आल्हा मेरे मोला तेरे नाल मौज बहारा,
जीवन मेरे दे दियां शहंशाह तेरे हाथ मुहारा,
आल्हा मेरे मोला तेरे नाल मौज बहारा,

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