मैं क्या मांगू तुम से गुरु वर मेरी तो हर सास तुम्हारी

मैं क्या मांगू तुम से गुरु वर मेरी तो हर सास तुम्हारी

मैं क्या मांगू तुम से गुरु वर
मेरी तो हर सास तुम्हारी
तुमसे ही है मेरी खुशियां तुम से ही है दुनिया सारी,
जो तेरे दरबार में आये उसकी चिंता हल हो जाये,
तेरा दर्श जिसे मिल जाये मृत्यु हर्श अन्कुलती पाये,
मैं क्या मांगू मैं क्या मांगू मैं तुम से गुरु वर,

जो मन से बोले उसके लिये हर द्वार तू खोले,
सच भी तुम और ज्ञान तुम्ही से मेरे सब अरमान तुम्ही से,
मेरे गुरु तेरी शरण में आया शांत हुआ मन तेरी माया मैं तेरे दरबार में आके,
धन्य हुआ गुरु तुझको पा के,
मैं क्या मांगू मैं क्या मांगू मैं तुम से गुरु वर,

दुःख हरलो अब इस संगत का ,
काम बना दो बिगड़े सारे,
इस संगत के हर सेवक की भरदो झोली मेरे साई,
भगतो को अभिमन्त्र करदो हम सब के रोगो को हर लवो,
मैं क्या मांगू मैं क्या मांगू मैं तुम से गुरु वर,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह