महफिल रूहा दी मेरे सतगुरु लाई है
जेह्डा आ वडया उह्नु मस्ती छाई है

आओ सईयो जी कुट पिके देखो जी
पहले पिके ते फिर जीके देखो जी
जेह्डा पी लेनदा उसने होश गवाई है
जेह्डा……..

लोहा पारस सोहना बन जानदा है
मेरा सतगुरु अपने जेहा बनान्दा है
युती दे नाल सतगुरु कुट पीलाई है
जेह्डा……..

जेह्डा पी लेनदा उसदी दशा अनोखी है
लेकिन सईयो नी एह पौडी ओखी है
जेह्डा पी लेनदा करम कमाई है
जेह्डा……..

सतगुरु मेरे ने जेह्डे भर भर देन्दे ने
दुनिया मतलब दी जो कुछ ना देन्दी है
आशिक प्रेमी ने इक विक लगाई है
जेह्डा……..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

हनुमान जयंती

शनिवार, 12 अप्रैल 2025

हनुमान जयंती
चैत्र पूर्णिमा

शनिवार, 12 अप्रैल 2025

चैत्र पूर्णिमा
वरुथिनी एकादशी

गुरूवार, 24 अप्रैल 2025

वरुथिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी

संग्रह