मोती सतगुरु लुटान्दे हर वेले
तैनू लूटना ना आवे ते मैं की करा
फल निव्या रखा नु लग्दे ने
तैनू चूकना ना आवे ते मैं की करा

हर वेले खुला रेह्न्दा आइंदा मेह्खाना
फिरी जानदा ऐथे आके कोई कोई दीवाना
जाम सतगुरु पलांदे हर वेले
तैनू पीना ना आवे ते मैं की करा
मोती……..

जिसने वी इस दर ते झोली फैलाई
उसनु मिल जान्दी सारी खुदाई
सतगुरु खुशिया लुटान्दे ने हर वेले
तैनू लूटना ना आवे ते मैं की करा
मोती……….

होके दुखी जेह्डा इस दर ते आवन्दा
मेहरा वाला उसनु गले नाल लावंदा
हाथ फड़के उठावनदे ने हर वेले
तैनू उठना ना आवे ते मैं की करा
मोती………

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