न तो इज़्ज़त न शौहरत बड़ी चीज़ है
न दौलत हुकूमत बड़ी चीज़ है

गर जहाँ मैं कोई चीज़ भी है बाडी
गुरु चरनो की भक्ति बड़ी चीज़ है

गुरु चरणो की भक्ति बड़ी चीज़ है
लाख पढ़ लो किताबें नहीं कुछ ासर

हो न जब तक की सद्गुरु की करुना नज़र
पास बैठो तो आती है यादे खुदा

पास बैठो तो आती है यादे खुदा
आईसे सद्गुरु की सोहबत बड़ी चीज़ है

ये न पुछो की खिदमत का क्या है सीला
काल जो ख़ादिम बना फिर वो मखदूम त

रंग लाती है ये एक न एक दिन ज़रूर
आईसे सद्गुरु की सेवा बड़ी चीज़ है

कईसे सद्गुरू की सेवा बड़ी चीज़ है ….

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