नी मैनु शुकर मना लेण दे,
मेरे गुरु जी दी किरपा बड़ी नी मैनु शीश झुका लेंदे,

इक इक दम दम गुरु जी मेरा है करजाई तेरा,
नी मैनु प्रीत वधा लेंदे,
मेरे गुरु जी दी किरपा बड़ी नी मैनु शीश झुका लेंदे,

किरपा निधान किरपा के सागर एह मेरे गुरु जी प्यारे,
नी मैनु दर्शन पा लेंदे,
मेरे गुरु जी दी किरपा बड़ी नी मैनु शीश झुका लेंदे,

एक एक दम गुरु जी मेरा है करजाई तेरा,
नहीं मैनु प्रीत बखा लेंदे,
मेरे गुरु जी दी किरपा बड़ी नी मैनु शीश झुका लेंदे,

चरण धूलि जो मस्तक लगानदा भव सागर तर जांदा,
नहीं मैनु खुशिया पा लेंदे,
मेरे गुरु जी दी किरपा बड़ी नी मैनु शीश झुका लेंदे,

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