नवे साल दियां नवियाँ खुशिया गुरु जी दे दरबार दियां.
झोलियाँ भरिये रेहमता लइए ओ सची सरकार दियां,

कोई न खाली जाए गुरु जी दर तेरे ते आके,
भर जन्दी खाली झोलियाँ प्यार तेरा है पाके,
नवे साल दियां नवियाँ खुशिया गुरु जी दे दरबार दियां.

सब दे दुःख हरो मेरे गुरु जी सब दे कष्ट निवारो,
संगता आइय दुरो चल के सबना नु तुसी तारो,
नवे साल दियां नवियाँ खुशिया गुरु जी दे दरबार दियां.

बड़े मंदिर दी शोभा व जिथे चमके किस्मत सब दी,
अर्ज करे रविंदर तहाणु भुला बक्शो जग दी,
नवे साल दियां नवियाँ खुशिया गुरु जी दे दरबार दियां.

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