सारा जग मैं भटक के गुरुवर
तेरी शरण मैं आया हूँ बिगड़ी बना दे
या तू मिटा दे तेरी शरण मैं आया हूँ,
सारा जग मैं भटक के गुरुवर…..

तेरे नाम का एक सहारा ,
उसको भी ना बिसराओ ,
सारा जग मैं भटक के गुरुवर….

माझी बन के अब तुम संभालो,
मेरी नैया डूब रही है,
सारा जग मैं भटक के गुरुवर….

तेरे हाथ का मैं कठपुतली
जैसे चाहे तू वैसे नचाओ
सारा जग मैं भटक के गुरुवर….

तेरी महिमा मैं ना जानू
मैं हूं लोभी मैं अज्ञानी
जग के सुख के पीछे भागू
तेरे बिना कही सुख ना मिले
गुरुवर मुझको मत बिसराओ
अपना समझ के दास बनाओ
सारा जग मैं भटक के गुरुवर….

मेरी नैया तेरे हवाले
चाहे डुबाये चाहे निकले

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

षटतिला एकादशी

शनिवार, 25 जनवरी 2025

षटतिला एकादशी
बसंत पंचमी

रविवार, 02 फरवरी 2025

बसंत पंचमी
जया एकादशी

शनिवार, 08 फरवरी 2025

जया एकादशी
माघ पूर्णिमा

बुधवार, 12 फरवरी 2025

माघ पूर्णिमा
विजया एकादशी

सोमवार, 24 फरवरी 2025

विजया एकादशी
महा शिवरात्रि

बुधवार, 26 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि

संग्रह