सतसंगत री एक घड़ी,
तो माला बरस पचास,
इंद्र तेरी एक घड़ी,
कुआ बारह मास।

सत री संगत रा महातम सुणिये,
राम सभा करिये, जी,
शूरवीरों रा अही है लक्षण,
समझ पाँव धरिये जी,
साधू भाई, सत री संगत करिये।

एकण रंग एकण वरण,
एकण घाट घड़िये जी,
शूरवीरों रा अही है लक्षण,
समझ पाँव धरिये जी,
ओ साधु भाई,
सत री संगत करिये, ओ,
प्रभु भजन रे कारणे जी,
मानुष देह धरिए जी
ओ साधू भाई,
सत री संगत करिये, ओ राम।

सोना चांदी परदा धरिए,
लोहा चौक धरिए, ओ जी,
काम पड़िया झगड़े माहीं जावे,
शूरवीरो से अड़िये,
ओ साधू भाई,
सत री संगत करिये, ओ राम।

दया गरीबी और आधीनता,
पापी तो रुलिये, ओ जी,
पुरखदास सतगुरु रे शरणे,
भवसागर तिरिए,
ओ साधू भाई,
सत री संगत करिये, ओ राम।

सत री संगत रा महातम सुणिये,
राम सभा करिये, ओ,
शूरवीरों रा अही है लक्षण,
समझ पाँव धरिये जी,
साधू भाई, सत री संगत करिये।

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