सतगुरु जी का शुक्र मनाइए,
जो वंडदे दिन रात खुशियां,
बापू अपने तो वारे वारे जाईए,
जो वंडदे दिन रात खुशियां……
सारी दुनिया दा एह दुःख हरना,
एहदा काम है जहान सुखी करना,
एहदे दर तो नसीब नू जगाइये,
सतगुरु जी का शुक्र मनाइए……
पाके नज़र निहाल करि जा रया,
बिन मंगे ही ख़ज़ाने भरी जा रया,
कदे एहदे अहसान ना भुलाइये,
सतगुरु जी का शुक्र मनाइए……
पूजा जिस घर विच होवे सच दी,
पाके झांजरा ता ओथे खुशी नचदी,
हथौ पल्ला एहदे असी ना छुडाईये,
सतगुरु जी का शुक्र मनाइए……
भक्तों तकलो खोल खोल अखियां,
सांभ सांभ के सुगाता एहने रखिया,
एहदी रेहमता नू असि ना भुलाईये,
सतगुरु जी का शुक्र मनाइए……
Author: Unknown Claim credit