तेरे नाम की महिमा गाउ,
तेरी साँची ज्योत जलाऊ,
तेरे चरणों में बैठ के सतगुरु तेरा निशदिन दर्शन पाउ,
तेरे नाम की महिमा गाऊ

स्वास स्वास में नाम तुम्हारा जीवन पंथ हुआ उजियारा,
तेरे ज्ञान पंच से प्रभु जी दूर हुआ मन का अँधियारा,
तेरे नाम की महिमा गाउ,

दीं बंधू सतगुरु अविनाशी तुम हो प्रभु घट घट के वासी,
दया दृष्टि मुझ पे भी करदो मैं तुम्हरे चरणों की दासी,
तेरे नाम की महिमा गाउ,

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