आओ हनुमान जी आओ हनुमान जी,
भाव भक्तों से तुमको करते,
कोटि-कोटि प्रणाम जी….

घूंघर घूंघर बाल तुम्हारे,
सिर पर मुकुट संभाले हो,
माथे चंदन राम नाम का,
कानन कुंडल डाले हो,
सब में आप महान जी,
मेरे भगवान जी,
भाव भक्तों से तुमको करते,
कोटि-कोटि प्रणाम जी….

लाल लंगोटा वज्र हाथ में,
आप प्रभु जी धारे हैं,
सब देवों में संकटमोचन,
आप देवता न्यारे हैं,
करें तुम्हारा ध्यान जी,
तुम हो मेरे प्राण जी,
भाव भक्तों से तुमको करते,
कोटि-कोटि प्रणाम जी….

अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता,
तेरा पार न पाया कोई,
सब द्वारो में द्वारा तेरा,
और न दूजा द्वारा कोई,
राजेंद्र का रख मान जी,
दे दो आतम ज्ञान जी,
भाव भक्तों से तुमको करते,
कोटि-कोटि प्रणाम जी….

Author: राजेंद्र प्रसाद सोनी

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