ऐसी भक्ति नहीं किसी की,
है जैसी हनुमान की….
चीर के छाती छवि दिखा दी,
दीनानाथ श्री भगवान की,
ऐसी शक्ति नहीं किसी की,
है जैसी हनुमान की….
सब अपने प्रभु की खातिर,
बात नहीं कोई अभिमान की,
ऐसी भक्ति नहीं किसी की,
ऐसी शक्ति…
हृदय बसे सिया राम लखन हैं,
प्रभु भक्ति में जो मगन हैं,
वाणी में जिनकी है श्रद्धा,
बात करें उनके सम्मान की,
ऐसी भक्ति नहीं किसी की,
ऐसी शक्ति…..
परम भक्ति करके धारण,
जो कष्टों का करें निवारण,
संकट मोचन कहलाते हैं वो,
शक्ति मिली जिनको वरदान की,
ऐसी भक्ति नहीं किसी की,
ऐसी शक्ति…..
श्रद्धा भाव से राजीव इनके,
दर पे शीश नवा लो तुम,
सिया राम बसे हैं जिनके हृदय,
उनके चरणों को अपना लो तुम,
हर लेंगे वो संकट सारे,
जय बोलो बलवान की,
ऐसी भक्ति नहीं किसी की,
है जैसी हनुमान की,
ऐसी शक्ति नहीं किसी की,
है जैसी हनुमान की…..
Author: राजीव त्यागी नजफगढ़